पीताम्बराभरणमाल्य विभुषिताङ्गी देवीं भजामि धृतमुदगर वैरिजिव्हां ||
(Baglamukhi Dyan Mantra hindi meaning)
अर्थ : एक हाथ् मे मुदगर तथा दूसरे हाथ् मे शत्रु की जिव्हा को खींच रही, अमृत् सिन्धु के मध्य मणि मण्डप में रत्न सिङ्घासन् पर विराजमान चन्द्रमा के समान पीतांगी, पीत वर्ण के वस्त्रो, आभूषणो एवं पीले रंगो के पुष्पो से निर्मित मालाओ से सुशोभित देहयष्टि वाली भगवति पीताम्बरा को मैं प्रणाम करता हूं |
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