Sunday, January 15, 2017

Shri Baglamukhi Shatakshari Maha Mantra (श्री बगलामुखी शताक्षरी महामंत्र )

षट्कर्म निर्माणमिदम् सुसिद्धं 
शताक्षरी मन्त्रमषेशदुःखं          |
होमेन सन्स्तम्भनमाचरेद् बुधो -
विद्यासु सिद्धं मुनिगुह्यामादरात् ||

अर्थात
सताक्षरी मन्त्र समस्त दुःखो का हरण् करने वाला तथा मारण मोहनादि षट्कर्म विधायक प्रसिद्ध्, अनुभूत और गोपनीय मन्त्र है | बुद्धिमान् को चाहिये कि वह इस मन्त्र के प्रति आदर और निष्ठा के साथ् इससे मोहनादि षट्कर्म - प्रयोग संपादित करे |

Shri Baglamukhi Shatakshari Maha Mantra (श्री बगलामुखी शताक्षरी महामंत्र )

Mantra (मंत्र):


ह्लीं ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं ग्लौं ह्लीं बगलामुखि स्फुर स्फुर सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय स्तम्भय प्रस्फुर प्रस्फुर विकटाङ्गि घोररूपि जिह्वां कीलय महाभ्रमकरि बुद्धिं नाशय विराण्मयि सर्वप्रज्ञामयि प्रज्ञां नाशय उन्मादीकुरु कुरु मनोपहारिणि ह्लीं ग्लौं श्रीं क्लीं ह्रीं ऐं ह्लीं स्वाहा |

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विनियोगः



ॐ अस्य श्रीबगलामुखी शताक्षरी महामन्त्रस्य श्रीब्रह्मा ऋषिः , गायत्री छन्द: , जगत्स्तंभनकारिणि  श्रीबगलामुखी  देवता , ह्लीं बीजं , ह्रीं शक्तिः , ऐं कीलकं, जगत्स्तंभनकारिणि  श्रीबगलामुखी  श्रीबगलामुखी देवताप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः |  


ऋष्यादिन्यासः (Rishyadinyasah)


श्री ब्रह्मर्षये नमः , शिरसि ,
गायत्री छन्दसे नमः , मुखे ,
जगत्स्तंभनकारिण्ये श्री बगलामुखी देवतायै नमः हृदि ,
ह्लीं बीजाय नमः गुह्यो ,
ह्रीं शक्तये नमः पादयोः ,
ऐं कीलकाय नमः सर्वाङ्गे |


करन्यासः  (karanyasah)


ॐ ह्रीं अङ्गुष्ठाभ्यां नमः , बगलामुखी तर्जनीभ्यां स्वाहा , सर्वदुष्टानां मध्यमाभ्यां वषट्, वाचं मुखं पदं स्तम्भय अनामिकाभ्यां हुं , जिह्वां कीलय कनिष्ठिकाभ्यां वौषट् , बुद्धिं विनाशाय ह्लीं ॐ स्वाहा करतलकरप्रष्ठाभ्यां फ़ट् |


ह्रदयादिन्यासः  (hradyadinyasah)


ॐ ह्रीं ह्रदयाय नमः , बगलामुखी शिरसे स्वाहा, सर्वदुष्टानां शिखायै वषट् , वाचं मुखं पदं स्तम्भय कवचाय हुं , जिह्वां कीलय नेत्रत्राय वौषट् , बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा अस्त्राय फ़ट् |


ध्यानम्


पीतांबरधरां सौम्यां पीतभूषणभूषितां |
स्वर्ण् सिन्घासनस्थां च मूले कल्पतरोरधः ||
वैरिजिह्वां भेदनार्थं छुरिकाम् बिभ्रतीं शिवाम् |
पानपात्रं गदां पाशं धारयन्तीं भजाम्यहम् ||


Friday, November 4, 2016

Baglamukhi Ashtakshar Mantra (अष्टाक्षर मन्त्र )

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Maa Baglamukhi Ashtakshar Mantra


(साधको के हित में यह अनुरोध है कि बिना दीक्षा के इस मन्त्र का जाप् बिल्कुल भी ना करे )  


भगवती बगला का अष्टाक्षर मन्त्र


ॐ आं ह्ल्रीं क्रों हुं फ़ट् स्वाहा

(om aam hlreem krom hum fat swaha)


अष्टाक्षर मन्त्र का अन्य स्वरूप

ॐ ह्ल्रीं आं ह्ल्रीं क्रों बगला

(om hlreem aam hlreem krom bagala)


ध्यान


युवतीं च मदोन्मत्तां पीतांबरधरां शिवाम् |
पीतभूषणभुषाङ्गीं समपीनपयोधराम् ||
मदिरामोदवदनां प्रवालसद्रशाधराम् |
पानं पात्रं च शुद्धिं च विभ्रतीं बगलां स्मरेत ||



विनियोग


ॐ अस्य श्री बगलाष्टाक्षरात्मकमन्त्रस्य श्रीब्रह्मा ऋषिः गायत्री छन्द:, ॐ बीजं , ह्रीं शक्तिः , क्रों कीलकं, श्री बगलाम्बाप्रसादसिद्धयर्थे जपे विनियोगः |


ऋष्यादि न्यास


श्री ब्रह्मर्षये नमः शिरसि ,
गायत्री छन्दसे नमः मुखे ,
ॐ बीजाये नमः गुह्यो ,
ह्रीं शक्तये नमः पदयोः,
क्रों कीलकाये नमः सर्वाङ्गे ,
श्री बगला प्रसाद सिद्धयर्थे जपे विनियोगाय नमः अञ्जलौ |


Saturday, October 29, 2016

Baglamukhi ChaturAkshari Mantra (चतुरक्षरी मन्त्र)

Baglamukhi ChaturAkshari Mantra

चतुरक्षरी मन्त्रः

'ॐ आं ह्लीं क्रों '  (om aam hleem krom)

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विनियोगः

ऊं अस्य श्रीबगला चतुरक्षरी मन्त्रस्य श्रीब्रह्मा ऋषिः , गायत्री छन्द: , श्रीबगला देवता , ह्लीं बीजं , आं शक्तिः , क्रों कीलकं श्रीबगलादेवता प्रासदनाय जपे विनियोगः |

(Viniyogah

om asya shri bagala chaturakshari mantrasya shri brahma rishih gayatri chhandah, shri bagla devata, hleem beejam, aam Shaktih , krom keelakam shri bagaladevata prasadnay jape viniyogah )

ऋष्यादिन्यासः (Rishyadinyasah)

ॐ श्री ब्रह्मर्षये नमः , शिरसि   (om shri brahmrishye namah shirsi)
गायत्री छन्दसे नमः , मुखे ,    (gayatri chhandse namah mukhe)
श्रीबगलदेवतायै नमः ह्रदि,      (shri bagla devtaye namah hradi)
ह्लीं बीजाय नमः गुह्यो ,            (hleem beejaye namah guhyo)
आं शक्तये नमः पादयोः ,        (aam shaktaye namah padyo)
क्रों कीलकाय नमः सर्वाङ्गे |     (krom keelakaye namah, sarvange)

करन्यासः  (karanyasah)

ॐ ह्लां अङ्गुष्ठाभ्यां नमः ,      (om hlam angushtabhyam namah)
ॐ ह्लीं तर्जनीभ्यां स्वाहा ,        (om hleem tarjanibhyam namah)
ॐ ह्लूं मध्यमाभ्यां वषट्,        (om hlum madhyamabhyam vashat)
ॐ ह्लैं अनामिकाभ्यां हुं ,         (om hlaim anamikabhyam hum)
ॐ ह्लौं कनिष्ठिकाभ्यां वौषट् ,  (om hlom kanishthikabhyam vaushat)
ॐ ह्लः करतलकरप्रष्ठाभ्यां फ़ट् |  (om hlah kartal kar prashtabhyam fat)

ह्रदयादिन्यासः  (hradyadinyasah)

ॐ ह्लां ह्रदयाय नमः , ॐ ह्लीं शिरसे स्वाहा,   (om hlam hradyay namah , om hleem shirse swaha)
ॐ ह्लूं शिखायै वषट् , ॐ ह्लैं कवचाय हुं ,    (om hlum shikhaye vashat, om hlaim kavchaye hum)
ॐ ह्लौं नेत्रत्राय वौषट् , ॐ ह्लः अस्त्राय फ़ट्   (om hlaum netratraye vaushat, om hlah astraye fat)

ध्यानम्

कुटिलालकसंयुक्तां मदाघूर्धितलोचनाम् |
मदिरामोदवदनां प्रवालसद्रशाधराम् ||
सुवर्ण शैलसुप्रख्यकठिनस्तनमण्डलाम् |
दक्षिणावर्त सन्नाभिसुक्ष्ममध्यमसंयुतां ||
रम्भोरुपादपद्मां तां पीतवस्त्रसमाव्रतां |
एवं ध्यात्वा महादेवीं कुर्याज्जपमतन्द्रितः ||

(Dhyanam

 kutilalaksanyuktam madaghurdhitlochnam |
madira mod vadnam praval sa drasha dharaam ||
suvarn shail suprakhyakathinstan mandalam |
dakshinavart sannabhisuksham madhyamsanyutam |
rambhorupadpadmam tam peetvastra samavratam |
evam dhyatva mahadevim kuryajjapmatandritah || )

Saturday, October 8, 2016

Benefit of Shree Yantra - Energized on Diwali Night

Energized Shree Yantra Benefits


There are a number of benefits associated with Energized Shree Yantra
  • It drives an individual on success path and clears the obstacles.
  • It helps in attaining fortune, wealth and overall prosperity in one’s life.
  • It brings name, fame and good luck to the family or organization, company which possesses this incredible Vedic instrument.
  • Shree Yantra also gives mental peace and stability.
  • It helps in growing the spiritual self by helping the individual to get rid of all the impurities and attain a pure state of mind.
  • It has the great potential to liberate an individual from the cycle of birth and death.
Energized Shree Yantra on Diwali/deepawali

Diwali Puja - Lakshmi Puja Vidhi - an easy method


Diwali puja to get money, ganesh puja
Diwali Puja -
Lakshmi (Laxmi) Puja Vidhi


How to worship Goddess Laxmi/Lakshmi on Diwali -  a simple method


(किसी समस्या विशेष के लिये , जैसे की नौकरी ना लगना , व्यापार में वृद्धि ना होना , घर पर पैसे की समस्या का होना इत्यादि के लिये | घर बैठे मगाये दीपावली की रात्रि को जाग्रत किया हुआ "श्री यन्त्र " | कहते है कि जिस घर में जागृत श्री यन्त्र होता है उस घर पर कभी भी पैसे कि समस्या नही होती)


diwali puja deepawali puja is done to get money



For the persons who want to do Laxmi/Lakshmi Puja themselves, we are giving method to worship Goddess Laxmi/Lakshmi. For Diwali Puja one should purchase new statues of Lord Ganesh and Shri Laxmi/Lakshmi. Laxmi/Lakshmi Puja on Diwali attracts money, peace in house.
The Puja described here is started with the following steps




Purification Mantra (Shuddhi Mantra)

अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपिवा
यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ।।
अतिनील् घनश्यामं नलिनायतलोचनं |
स्मरामि पुण्डरीकाक्षं तेन स्नातो भवाम्यहम् ||

Om Apavitrah pavitro va sarvavastham gato apiva |
yah smaret pundrikaksham sa vahyabhyantrah shuchih ||
atineel ghanshyamam nalinayatlochanam |
smrami pundrikaksham ten snato bhavamyaham ||

आचमन विधि :


1.
सीधे हाथ् में थोडा जल ले इस मन्त्र को पढे , केशवाय नमः , और जल को पी जाये |
2.
सीधे हाथ् में थोडा जल ले इस मन्त्र को पढे , नराणाय नमः , और जल को पी जाये |
3.
सीधे हाथ् में थोडा जल ले इस मन्त्र को पढे , माधवाय नमः , और जल को पी जाये |
4.
सीधे हाथ् में थोडा जल ले इस मन्त्र को पढे , हृषीकेशाय नमः , और इस जल से हाथो को धो ले |

Achaman Method

1. take some water in right palm & recite this mantra " Om keshvay Namah" and sip this water
2. take some water in right palm & recite this mantra " Om naranaya Namah" and sip this water
3. take some water in right palm & recite this mantra " Om madhvaya Namah" and sip this water
4,take some water in right palm & recite this mantra " Om hrishikeshaya Namah" and wash your hand

Sankalp :

हाथ् मे थोडा गङ्गाजल, पुष्प, द्रव्य ले और अपना नाम, पिता का नाम , गोत्र , नगर , दिनाङ्क, दिन, आदि का नाम ले के श्री लक्ष्मी जी से अपनी पूजा के फ़ल् प्राप्ति संकल्प ले

Start puja with Lord Ganesh poojan (सर्व् प्रथम गणेश पूजन से पूजा शुरु करे |)

Dhyan of Loard Ganesh
Diwali puja should begin with meditation mantra of Shri Ganesh. Dhyan is done in front of the newly installed statue of Shri Ganesh

Dhyan Mantra of Lord Ganesh (गणेश ध्यान मन्त्र):

गजाननं भूत गणादिसेवितं कपित्थ् जम्बु फ़ल् चारु भक्षणम् |
उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजं ||
Gajananam Bhut ganadisevitam kapith jambufal charu bhakshnam |
Umasutam shok vinashkarakam namami vighneshwar padpankajam ||

Avahan (आवाहन) :


हाथो में अक्षत (चावल) ले और ये मन्त्र पढे |

गणानां त्वा गणपति हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपति हवामहे निधीनां त्वा निधीपति हवामहे वसो मम | आहमजानि गर्भधमा तवमजासि गर्भधम् ||
एह्येहि हेरम्ब् महेशपुत्र समस्तविघ्नौघ् विनाशदक्ष |
माङ्गल्य पूजाप्रथम प्रधान ग्रहण् पूजा भगवन नमस्ते ||
भूर्भुवः स्वः सिद्धिबुद्धिसहिताय गणपतये नमः , गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि |

हाथ में लिये अक्षत को गणेश जी पर चढा दे |

इसके बाद गणेश जी को गन्ध (रोली) चदाये | फ़िर् पुष्प आर्पण् करे | धूप दिखाये | दीप दिखायें और नैवैद्य समर्पित करें |

Lakshmi (Laxmi) Puja Vidhi

Meditation of Maa Lakshmi(इसके बाद लक्ष्मी जी का ध्यान करें |)

Lakshami dhyan mantra (लक्ष्मी ध्यान मन्त्र)

या सा पद्मासनस्था विपुलकटितटि पद्मपत्रायताक्षी
गम्भीरावर्तनाभिस्तनभरनमिता शुभ्रवस्त्रोत्तरीय |
या लक्ष्मीर्दिव्यरुपैर्मणिगणखचितैः स्नापिता हेमखुम्भैः
सा नित्यं पद्महस्ता मम वसतु गृहे सर्वमाङ्गल्युक्ता ||
महालक्ष्मै नमः | ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि (लक्ष्मी जी को पुष्प अर्पित करे)

Ya sa padmasanastha vipulkatitati padmpatrayatakshi
Gambhiravartnabhistanbharanmita shubhravastrottariya||
Ya lakshmirdivyarupairmanigankhachitaih snapita hemkumbaih
Sa nityam padmhasta mam vasatu grihe sarvmangalyukta||

Avahan (आवाहन) :

आगच्छ देव देवेशि ! तेजोमयि महालक्ष्मि क्रियमाणां मया पूजां , गृहाण सुर वन्दिते |
महालक्ष्मै नमः | महालक्ष्मीमावाहयामि , आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि | (आवाहन के लिये पुष्प दे)
Agachch dev deveshi tejomayi mahalakshmi kriyamanam maya pujam grihan sur vandite |
Om mahalakshmai namah | mahalakshmimavahyami aavahnarthe pushpani samarpayami |

Aasan (आसन)


महालक्ष्मै नमः | आसनं समर्पयामि (आसन के लिये कमल के पुष्प अर्पण् करे)

Padya (पाद्य)


महालक्ष्मै नमः | पाद्यो पद्यं समर्पयामि (जल में चन्दन , पुष्प मिलाकर अर्पित करे)

Arghya (अर्घ्य)


महालक्ष्म्यै नमः | हस्तयोर्घर्य समर्पयामि (अष्ट्गन्ध् मिश्रित जल देवी के हाथो में दे)  

Snana (स्नान)

स्नानं समर्पयामि | (स्नान के लिये जल अर्पित करे) स्नानान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि | (स्नान के बाद " महालक्ष्म्यै नमः" ऎसा उच्चारण कर आचमन के लिये जल दे |)

Milk Bath (दुग्ध् स्नान)


महालक्ष्म्यै नमः | पयः स्नानं समर्पयामि | पयः स्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि |  (गाय के कच्चे दूध् से स्नान कराये, पुनः शुद्ध जल से स्नान कराये)

Curd Bath (दधि स्नान)


महालक्ष्म्यै नमः | दधिस्नानं समर्पयामि | दधिस्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि |  (दही से स्नान कराये , फ़िर् शुद्ध
जल से स्नान कराये)

Ghee Bath (धृत स्नान)

महालक्ष्म्यै नमः | धृतस्नानं समर्पयामि | धृतस्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि |  (धृत से स्नान कराये , फ़िर् शुद्ध
जल से स्नान कराये)

Honey Bath (मधु स्नान)

महालक्ष्म्यै नमः | मधुस्नानं समर्पयामि | मधुस्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि |  (मधु से स्नान कराये , फ़िर् शुद्ध
जल से स्नान कराये)

Sugar Bath (शर्करा स्नान)

महालक्ष्म्यै नमः | शर्करा स्नानं समर्पयामि | शर्करा स्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि |  (शर्करा से स्नान कराये , फ़िर् शुद्ध जल से स्नान कराये)

Panchamrit(milk, curd, ghee, jal, sugar-mix) Bath (पंच्चामृत स्नान)

महालक्ष्म्यै नमः | पंच्चामृत स्नानं समर्पयामि | पंच्चामृत स्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि |  (पंच्चामृत से स्नान कराये , फ़िर् शुद्ध जल से स्नान कराये)

Gandh Bath (गन्धोदक स्नान)

महालक्ष्म्यै नमः | गन्धोदक स्नानं समर्पयामि | (चन्दन मिश्रित जल से स्नान कराये)

Water Bath (शुद्धोदक स्नान)


महालक्ष्म्यै नमः | शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि | (गङ्गाजल या शुद्ध जल से स्नान कराये)

Aachman (आचमन)


शुद्धोदक स्नान के बाद महालक्ष्म्यै नमःऐसा कहकर् आचमनीय जल अर्पित करे

Garments (वस्त्र)


महालक्ष्म्यै नमः | वस्त्रं समर्पयामि, आचमनीयं जलं समर्पयामि | (वस्त्र समर्पित करे आचमनीयं जल दे)

Upvastra (उपवस्त्र)


महालक्ष्म्यै नमः | उपवस्त्रं समर्पयामि, आचमनीयं जलं समर्पयामि | (उत्तरीय वस्त्र चढाये आचमनीयं जल दे)

Madhu Park (मधु पर्क्)


महालक्ष्म्यै नमः | मधु पर्कं समर्पयामि, आचमनीयं जलं समर्पयामि | (मधु पर्क् समर्पित करे आचमनीयं जल दे)

Ornaments (आभूषण)


महालक्ष्म्यै नमः | नाना विधानि कुण्डलकटकादीनि आभूषणानि समर्पयामि | (आभूषण समर्पित करे)

Gandh (गन्ध)


महालक्ष्म्यै नमः | गन्धं समर्पयामि | (गन्ध समर्पित करे)

Red sandal (रक्त चन्दन)


महालक्ष्म्यै नमः | रक्त चन्दनं समर्पयामि | (अनामिका से रक्त चन्दन समर्पित करे)

Sindur (सिन्दूर)


महालक्ष्म्यै नमः | सिन्दूरं समर्पयामि | (देवी जी को सिन्दूर चढाये)

Kumkuma (कुङ्कुम)


महालक्ष्म्यै नमः | कुङ्कुमं समर्पयामि | (देवी जी को कुङ्कुम अर्पित करे)

Perfume made from flowers (इत्र)


महालक्ष्म्यै नमः | सुगन्धित तैलं पुष्पसारं समर्पयामि | (सुगन्धित तैल इत्र चढाये)

Rice (अक्षत)


महालक्ष्म्यै नमः | अक्षतान् समर्पयामि | (अक्षत अर्पित करे)

Flowers (पुष्प एवं पुष्पमाला)


महालक्ष्म्यै नमः | पुष्पं एवं पुष्पमालां समर्पयामि | (देवी जी को पुष्प एवं पुश्प्मालाओ से अलङ्कृत करे , यथा संभव लाल कमल के फ़ूलो से पूजा करे |)

Durva (दूर्वा)


महालक्ष्म्यै नमः | दूर्वाङ्कुरान् समर्पयामि | (दूर्वाङ्कुर अर्पित करे)

Anga-Pujan (अङ्ग-पूजन)


रोली कुङ्कुम मिश्रित अक्षत पुष्पो से निम्न मन्त्र पढते हुए अङ्ग पूजा करे
चपलायै नमः , पादौ पूजयामि |
चञ्च्च्लायै नमः , जानुनी पूजयामि |
कमलाये नमः , कटिं पूजयामि
कात्यायन्यै नमः , नाभिं पूजयामि |
जगन्मात्रे नमः , जठरं पूजयामि |
विशवल्लभायै नमः , वक्षः स्थलं पूजयामि |
कमलवासिन्यै नमः , हस्तौ पूजयामि |
पद्माननानै नमः , मुखं पूजयामि |
कमल्पत्राक्ष्यै नमः , नेत्रत्रयं पूजयामि |
श्रियै नमः , शिरः पूजयामि |
महालक्ष्म्यै नमः , सर्वाङ्गं पूजयामि

Ashta-Siddhi Puja (अष्ट-सिद्धि पूजा)


उल्टे हाथ् में पुष्प , गन्ध , अक्षत ले और श्री लक्ष्मी जी के चारो तरफ़् सीधे हाथ से मन्त्र पढते हुए चढाते जाये
अणिम्ने नमः (पूर्वे), महिम्ने नमः (अग्निकोण), गरिम्णे नमः (दक्षिणे), लघिम्ने नमः (नैऋत्ये), प्राप्त्यै नमः (पश्चिमे), प्राकाम्यै नमः (वायव्ये), ईशितायै नमः (उत्तरे), वाशितायै नमः (ईशान्यां)

Ashta-Lakshmi Puja (अष्ट-लक्ष्मी पूजा)


पुनः उपर दिये निर्देशो के अनुसार अष्टलक्ष्मी पूजा करे
आद्य लक्ष्म्यै नमः , विद्या लक्ष्म्यै नमः , सौभाग्य लक्ष्म्यै नमः , अमृत लक्ष्म्यै नमः , काम लक्ष्म्यै नमः, सत्य लक्ष्म्यै नमः , भोग लक्ष्म्यै नमः , योग लक्ष्म्यै नमः |

Dhoop (धूप)


महालक्ष्मै नमः , धूपमाघ्रापयामि (धूप आघ्रापित करे )

Deep (दीप)


महालक्ष्मै नमः , दीपं दर्शयामि (दीपक दिखाये और हाथ् धो ले)

Naivedhya-Samarpan (Sweet) (नैवेद्य-समर्पण)


महालक्ष्मै नमः | नैवेद्यं निवेदयामि , मध्ये पानीयम् उत्तरापोशनार्थं हस्त प्रक्षालनार्थं मुख प्रक्षालनार्थं जलं समर्पयामि | (देवी जी को नैवेद्य निवेदित कर पानिये जल एवं हस्तादि प्रक्षालन के लिये भी जल अर्पित करे)

Achamana-Samarpan/Jal-Samarpan (आचमन-समर्पण/जल-समर्पण)


महालक्ष्मै नमः | आचमनीयं जलं समर्पयामि (आचमन के लिये जल दे )

Ritufal-Fruit (ऋतुफ़ल् )


महालक्ष्मै नमः | अखण्डऋतुफ़लम् समर्पयामि , आचमनीयं जलं समर्पयामि (ऋतुफ़ल् अर्पित करे, आचमन के लिये जल दे)

Tambul (ताम्बूल पूङ्गीफ़ल)


महालक्ष्मै नमः | मुखवासार्थे ताम्बूलं समर्पयामि (एला , लौङ्ग्, पूङ्गिफ़लयुक्त ताम्बूल- पान अर्पित करे )

Dakshina (दक्षिणा)


महालक्ष्मै नमः | दक्षिणां समर्पयामि (दक्षिणा चढाये)

Neerajan (नीराजन)


महालक्ष्मै नमः | नीराजनं समर्पयामि (आरती करे तथा जल छोडे और हाथ् धो ले)

Pradakshina (प्रदक्षिणा)


यानि कानि पापानि जन्मान्तरकृतानि |
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे ||

महालक्ष्मै नमः | प्रदक्षिणां समर्पयामि (प्रदक्षिणा करे)

Prarthana (प्रार्थना)


हाथ जोड के प्रार्थना करे -
सुरसुरेन्द्रादिकिरीट्मौक्तिकै, युक्तं सदा यत्तव पादपङ्कजम् |
नमामि भक्त्याखिलकामसिद्धये ||
भवानि त्वं महालक्ष्मीः सर्वकामप्रदायिनी|
सुपूजिता प्रसन्ना स्यान्महालक्ष्मि ! नमोस्तुते ||
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरिप्रिये |
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात् त्वदर्चनात ||

महालक्ष्मै नमः | प्रार्थनापूर्वकं नमस्कारान समर्पयामि (प्रार्थना करते हुए नमस्कार करे)

Samarpan (समर्पण )


पूजन के अन्त में
कृतेनानेन पूजनेन भगवती महलक्ष्मीदेवी प्रीयताम् मम | (भूमि पर जल गिराये और समस्त पूजा कर्म भगवति को समर्पित करे)

Kshama Prarthana (क्षमा-प्रार्थना)


आवाहनं जानामि जानामि विसर्जनम् |
पूजां चैव जानामि क्षमस्व परमेश्वरी ||
मन्त्र हीनं क्रिया हीनं भक्ति हीनं सुरेश्वरि |
यत्पूजितं मया देवी परिपूर्णं तदस्तु मे ||
अनेन यथाशक्त्यर्चनेन श्री महालक्ष्मीः प्रसीदतु (अब भूमि पर जल छोडे)

Visarjan (विसर्जन)


पूजन के अन्त में हाथ् में अक्षत ले के नूतन गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाओ को छोड्के अन्य सभी आवाहित् , प्रतिष्ठित एवं पूजित देवताओ को अक्षत छोडते हुए निम्न मन्त्र से विसर्जित करे
यान्तु देवगणाः सर्वे पूजामादाय मामकीं |
ईष्टकामसम्रिद्ध्यर्थम् पुनरागमनाय ||